Ishq Ka Rang - Zarra singh
इश्क़ का रंग, तुझे बुलाए
आ, जा मुझे भीगाने
दिल के रंग में तू बस जा
इस होली के बहाने
इस प्यार की होली में
हमजोली होने में
आ, जल्दी छोड़-छाड़ के
इस होली के बहाने
हवा में तेरा नाम उड़ा दूँ
रंगों से तुझे रंग दूँ
रंग भरी दीवानगी में
तुझे रंगारंग बना दूँ
तेरी बाहों की बारिश में
भीग जाने दे
रंगों की होली में
रंग जाने दे
तू हाँ कहेगी
मैं राजी
तू ना कहेगी
फिर भी राजी
होली… होली…
होली… में…
तू, छोड़ दे
नाराजगी...
ज़िंदगी के कैनवास पे
रंग तेरा भर दूँ
दिल की इस दुनिया में
तुझे अपना कर लूँ
हवा में तेरा नाम उड़ा दूँ
रंगों से तुझे रंग दूँ
रंग भरी दीवानगी में
तुझे रंगारंग बना दूँ
तेरी बाहों की बारिश में
भीग जाने दे
रंगों की होली में
रंग जाने दे
तू हाँ कहेगी
मैं राजी
तू ना कहेगी
फिर भी राजी
होली… होली…
होली… में…
तू, छोड़ दे
नाराजगी...
आजा, ओ मेरी ज़िंदगी
भीग जाने दे मुझे
तू ही मेरी बंदगी
तू ही मेरी ज़िंदगी