Bhola Albela - Zarra Singh
रंग बरसे, फागुन मे
भोले संग जीवन है
गुलाल संग होली आई
बाबा खेले आनंद में
मेरा भोला अलबेला
खेले होली का खेला
बाबा जहां रंग उड़ाए
लगे वहीं पर मेला
लिए भांग का प्याला
नंदी बना मतवाला
गुलाल लेकर धूम मचाए
खेले होली का खेला
मेरा भोला अलबेला
खेले होली का खेला
बाबा जहां रंग उड़ाए
लगे वहीं पर मेला
मेला तो खूब सजे है
सात रंगों में
बाबा देखो गुलाल छोड़े
प्रेम उमंग में
बाबा का मन ही सोचे
सब रहें आनंद में
होली आई है
रंग तरंग में
बाबा की पाठशाला
हम सब सीखने वाला
जीवन से कैसे ग़म, मिटाए
बाबा समझाने वाला
मेरा भोला अलबेला
खेले होली का खेला
बाबा जहां रंग उड़ाए
लगे वहीं पर मेला
जो ,भी भूलने वाला,
उसका बाबा रखवाला
मन में बसाओ रंग,
बाबा की पाठशाला
मेरा भोला अलबेला
खेले होली का खेला
बाबा जहां रंग उड़ाए
लगे वहीं पर मेला
[End]