Jitni Dafa - Zarra singh
जितनी दफा, कहूंगा तुझे
वही,
ढाई अक्षर, प्यार का
उतनी दफा, रहूंगा तेरा
बनके
हमसफ़र, यार का
सर्दी जैसी सुबह में
तेरे मन की शांति
बसंत की बहार, सी
मेरे मन को तुझसे प्राप्ति
प्रीति तू, मेरे प्यार की
मान चुका हूं
मान चुका हूं
हमेशा होता रहता हैं
हां, सिर्फ तेरे प्यार में
यार तेरे प्यार में
सिर्फ तेरे प्यार में
मैं तो, रहता हूं
मैं तो, रहता हूं
तुझ से ही मेरा प्यार शुरू
और, तू ही आखरी
जितनी दफा, कहूंगा तुझे
वही,
ढाई अक्षर, प्यार का
उतनी दफा, रहूंगा तेरा
बनके
हमसफ़र, यार का
चैन तू है मेरी सांसों की
नींद तू है रातों की
सुबह जब भी मैं जागू
जाग जाए मेरी आशिकी
तू है प्यारी, प्यारी
कोई हीरोइन जैसी
तेरे साथ चलते रहे
तेरी मेरी आशिकी
तुझ से ही मेरा प्यार शुरू
और, तू ही आखरी
जितनी दफा, कहूंगा तुझे
वही,
ढाई अक्षर, प्यार का
उतनी दफा, रहूंगा तेरा
बनके
हमसफ़र, यार का
Jitni dafa - Zarra singh