Holi Ka Khel - Zarra Singh
खोल के पिंजरा, हवा संग जा,उड़
जो तेरी रूह मांगे, खोल दे जिगर
भर ले प्यार, कर ले प्यार
मना ले होली का सफर!
अरे छोड़ो शिकवे, शरम,
आज दिल से होली खेल!
होली में होगा रंग बालम का,
बाकी सब हो गए फेल!
मेरे प्यार में आज ही तुझे,
करवा दूँ जेल!
दिल के कैद में
मेरे,,,
दिल के कैद में
खेल,,, होली का,, खेल,
खेल,,, होली का,, खेल!
तेरे गालों पर गुलाल लगाऊं,
तू शरमाए, और शरमाए।
थोड़ा मुस्काए, थोड़ा इठलाए,
फिर आँखों से हाल सुनाए।
रंगों में घुल जाए प्यार हमारा,
जैसे चाँदनी नहाए।
दिल के कैद में
खेल,,, होली का,, खेल,
खेल,,, होली का,, खेल!
बिखरने दे रंग, तेरी हँसी पे
होली का जादू, जी ले मस्ती में!
होली है, हाँ होली है
प्यार की रंगोली में!
रंग सिर्फ़ रंग नहीं,
है जिंदगी की मस्ती।
मान ली इसी रंग में
तेरी मेरी आशिकी!
अरे छोड़ो शिकवे, शरम,
आज दिल से होली खेल!
होली में होगा रंग बालम का,
बाकी सब हो गए फेल!
मेरे प्यार में आज ही तुझे,
करवा दूँ जेल!
दिल के कैद में
मेरे,,,
दिल के कैद में
खेल,,, होली का,, खेल,
खेल,,, होली का,, खेल!