Chalo Vrindawan - Zarra singh
चलो वृंदावन होली खेलने,
होली कृष्ण की संग में खेलने।
कृष्ण वही हैं हर रंग रूप में,
राधे कृष्ण के वजूद में।
चलो वृंदावन होली खेलने,
राधे कृष्ण जी से मिलने।
रंग-गुलाल में सब कैसे रँगे,
सुंदर-सुंदरी कैसे सजे।
मन के वृंदावन में श्री श्याम बैठे हैं,
त्रिपुर सुंदरी राधा रानी संग में हैं।
श्री श्याम स्वागत में,
बैठे हैं सज-धज के,
हमारे वृंदावन में,
हमारे वृंदावन में।
होली खेलेंगे,
ब्रज आंगन में।
चलो वृंदावन होली खेलने,
होली कृष्ण की संग में खेलने।
चलो वृंदावन होली खेलने,
कृष्ण जी के संग में रहने।
कृष्ण जहाँ हैं, वहीं राधे जी,
अनंत प्रेम से खेलें होली।
रंग हैं लाल, पीला, गुलाबी,
मन में प्रेम à¤à¤°े, खेलें राधे जी।
मन के वृंदावन में श्री श्याम बैठे हैं,
त्रिपुर सुंदरी राधा रानी संग में हैं।
श्री श्याम स्वागत में,
बैठे हैं सज-धज के,
हमारे वृंदावन में,
हमारे वृंदावन में।
होली खेलेंगे,
ब्रज आंगन में।
हम à¤ी चले चलो खेलने,
होली कृष्ण के संग में खेलने।
हम à¤ी लगे हैं सपने सजाने,
खेलने चले वृंदावन में।
चलो वृंदावन होली खेलने,
राधे कृष्ण जी से मिलने।
रंग-गुलाल में सब कैसे रँगे,
सुंदर-सुंदरी कैसे सजे।